Attribute | Details |
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Song Name | Agar Tum Saath Ho |
Singer Name | Alka Yagnik and Arijit Singh |
Lyrics Name | Agar Tum Saath Ho Lyrics |
Music Director | A. R. Rahman |
Label | T-Series |
Agar Tum Saath Ho Lyrics
Pal-bhar theher jaao, dil ye sambhal jaaye
Kaise tumhein roka karoon? Meri taraf aata har gham phisal jaaye Aankhon mein tumko bharoon Bin bole baatein tumse karoon‘Gar tum saath ho
Agar tum saath hoBehti rehti neher-nadiyaan si teri duniya mein
Meri duniya hai teri chaahaton mein Main dhal jaati hoon teri aadaton mein ‘Gar tum saath hoTeri nazron mein hain tere sapne
Tere sapnon mein hai naraazi Mujhe lagta hai ke baatein dil ki Hoti lafzon ki dhokebaaziTum saath ho ya na ho, kya farq hai?
Bedard thi zindagi, bedard hai Agar tum saath ho Agar tum saath hoPalkein jhapakte hi din ye nikal jaaye
Baithi-baithi bhaagi phiroon Meri taraf aata har gham fisal jaaye Aankhon mein tumko bharoon Bin bole baatein tumse karoon‘Gar tum saath ho
Agar tum saath hoTeri nazron mein hain tere sapne
Tere sapnon mein hai naraazi Mujhe lagta hai ke baatein dil ki Hoti lafzon ki dhokebaaziTum saath ho ya na ho, kya farq hai?
Bedard thi zindagi, bedard hai Agar tum saath ho (dil ye sambhal jaaye) Agar tum saath ho (har gham phisal jaaye)Agar tum saath ho (din ye nikal jaaye)
Agar tum saath ho (har gham phisal jaaye)Agar Tum Saath Ho Lyrics In Hindi
पल-भर ठहर जाओ, दिल ये संभल जाये
तुम्हें कैसे रोका करूं?
मेरी तरफ आता हर गम फिसल जाए
आँखों में तुमको भरूँ
बिन बोले बातें तुमसे करूं
‘गर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
बहती रहती है नेहर-नदियाँ सी तेरी दुनिया में
मेरी दुनिया है तेरी चाहतों में
मैं ढल जाती हूं तेरी आदतों में
‘गर तुम साथ हो
तेरी नज़रों में हैं तेरे सपने
तेरे सपनों में है नाराज़
मुझे लगता है कि बातें दिल की
होती लफ्जों की धोखेबाज़ी
तुम साथ हो या ना हो, क्या फर्क है?
बेदर्द थी जिंदगी, बेदर्द है
अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
पलकें झपकते ही दिन ये निकल जाए
बैठी-बैठी भागी फिरूं
मेरी तरफ़ आता हर ग़म फ़िसल जाए
आँखों में तुमको भरूँ
बिन बोले बातें तुमसे करूं
‘गर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
तेरी नज़रों में हैं तेरे सपने
तेरे सपनों में है नाराज़
मुझे लगता है कि बातें दिल की
होती लफ्जों की धोखेबाज़ी
तुम साथ हो या ना हो, क्या फर्क है?
बेदर्द थी जिंदगी, बेदर्द है
अगर तुम साथ हो (दिल ये संभल जाए)
अगर तुम साथ हो (हर गम फिसल जाए)
अगर तुम साथ हो (दिन ये निकल जाये)
अगर तुम साथ हो (हर गम फिसल जाए)
तुम्हें कैसे रोका करूं?
मेरी तरफ आता हर गम फिसल जाए
आँखों में तुमको भरूँ
बिन बोले बातें तुमसे करूं
‘गर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
बहती रहती है नेहर-नदियाँ सी तेरी दुनिया में
मेरी दुनिया है तेरी चाहतों में
मैं ढल जाती हूं तेरी आदतों में
‘गर तुम साथ हो
तेरी नज़रों में हैं तेरे सपने
तेरे सपनों में है नाराज़
मुझे लगता है कि बातें दिल की
होती लफ्जों की धोखेबाज़ी
तुम साथ हो या ना हो, क्या फर्क है?
बेदर्द थी जिंदगी, बेदर्द है
अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
पलकें झपकते ही दिन ये निकल जाए
बैठी-बैठी भागी फिरूं
मेरी तरफ़ आता हर ग़म फ़िसल जाए
आँखों में तुमको भरूँ
बिन बोले बातें तुमसे करूं
‘गर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
तेरी नज़रों में हैं तेरे सपने
तेरे सपनों में है नाराज़
मुझे लगता है कि बातें दिल की
होती लफ्जों की धोखेबाज़ी
तुम साथ हो या ना हो, क्या फर्क है?
बेदर्द थी जिंदगी, बेदर्द है
अगर तुम साथ हो (दिल ये संभल जाए)
अगर तुम साथ हो (हर गम फिसल जाए)
अगर तुम साथ हो (दिन ये निकल जाये)
अगर तुम साथ हो (हर गम फिसल जाए)