| Attribute | Details |
|---|---|
| Song Name | Sadgi To Hamari Zara Dekhiye |
| Singer Name | Nusrat Fateh Ali Khan |
| Lyrics Name | Mirza Ghalib |
| Music Director | Jagjit Singh |
| Label |
Sadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics
Sadgi To Hamari Zara Dekhiye Lyrics
सादगी तो हमारी जरा देखिये
ऐतबार आपके वादे पर कर लिया
मस्ती में इक हसीनों को खुदा कह गए हैं हम
जो कुछ भी कह गए हैं बजा कह गए हैं हम
वाह, रफ़्तागी तो देखो हमारे ख़लूस की
किस सादगी से कहें तुझको खुदा कह गए हैं हम
किस शौक़, किस तमन्ना, किस दरजा सादगी से
हम आप की शिक़ायत करते हैं आप ही से
इक तेरे अदब की रोड़ हो गए हैं हम
बढ़ते खुलूस से बरबाद हो गए हैं हम
सादगी तो हमारी जरा देखिये
ऐतबार आपके वादे पर कर लिया
बात तो सिर्फ इक रात की थी मगर
इंतज़ार आप का उमर भर कर लिया
इश्क़ में उलझने पहले ही कम ना थी
और पैदा नया दर्द-ए-सर कर लिया
लोग डरते हैं कातिल की परछाइयां से
हमने कातिल के दिल में भी घर कर लिया
ज़िक्र इक बेवफ़ा और सितमगर का था
शिकवा किआ, सितम का तो नामदिदा हो गया
तुम तो ज़रा सी बात पर रंजीदा हो गए
तेरा जुल्म नहीं है शामिल गर मेरी बरबादी में
फिर ये आंखें भीग रही हैं क्यों मेरे अफसाने से
मेरी हालत दइख केर तुम क्यों परेशान हो गए
ज़िक्र इक बेवफ़ा और सितमगर का था
आप का ऐसी बातों से किया वास्ता
आप तो बेवफ़ा और सितमगर नहीं
आप ने किस लिए मुन उधार कर लिया
जब तुलू आफताब होता है, घाम के सागर उछाल देता हूं
तज़कारा जब वफ़ा का होता है, मैं तुम्हारी मिसाल देता हूँ
नहीं क्यों आंख मिलायी थी, क्यों आग लगायी थी
उब रुख क्यों छुपा बैठे कर के मुझे दीवाना
आप तो बेवफ़ा और सितमगर नहीं
आप ने किस लिए मुन उधार कर लिया
जिंदगी भर के शिकवे-गइले द बोहत
वक़्त इतना कहाँ था के दोहराते हम
एक हिजकी में केह डाली सब दास्तां
हमने क़िस्से को यूं मुख़्तसर कर लिया
बेकरारी मिलाय गी मिटेगा सुकून
चैन चिन जाएगी नींद उर जाएगी
अपना अंजाम सब हम को मालूम था
आपसे दिल का सौदा मगर कर लिया
जिंदगी के सफर में बहुत दूर तक
जब कोई दोस्त आया ना हमको नजर
हमने घबरा के तनहाइयों से सबा
एक दुश्मन को खुद हमसफ़र कर लिया
सादगी तो हमारी जरा देखिये
ऐतबार आपके वादे पर कर लिया

